बुधवार, 5 दिसंबर 2018
मंगलवार, 4 दिसंबर 2018
रविवार, 2 दिसंबर 2018
किसे प्राप्त होता है तीर्थ का फल
किसे प्राप्त होता है तीर्थ का फल
1 तीर्थ क्षैत्र में जाने पर मनुष्य को स्नान, दान, जप आदि करना चाहिए, अन्यथा वह रोग एवं दोष का भागी होता है ।
2 अन्यत्र हिकृतं पापं तीर्थ मासाद्य नश्यति । तीर्थेषु यत्कृतं पापं वज्रलेपो भविष्यति ।
अन्य जगह किया हुआ पाप तीर्थ में जाने से नष्ट हो जाता है, पर तीर्थ में किया हुआ पाप वज्रलेप हो जाता है ।
3 जब कोई अपने माता-पिता, भाई, परिजन अथवा गुरू को फल मिलने के उददेश्य से तीर्थ में स्नान करता है तब उसे स्नान के फल का बारहवाँ भाग प्राप्त हो जाता है ।
4 जो दुसरो के धन से तीर्थ यात्रा करता है । उसे पुण्य का सौलहवाँ भाग प्राप्त हो जाता है और जो दूसरे कार्य के प्रसंग से तीर्थ में जाता है उसे उसका आधा फल प्राप्त होता है ।
ज्योतिषाचार्य प्रणयन एम. पाठक
10, अथर्व विहार आस्था गार्डन के पास,
नानाखेडा़, उज्जैन (म.प्र.)
9202220000
1 तीर्थ क्षैत्र में जाने पर मनुष्य को स्नान, दान, जप आदि करना चाहिए, अन्यथा वह रोग एवं दोष का भागी होता है ।
2 अन्यत्र हिकृतं पापं तीर्थ मासाद्य नश्यति । तीर्थेषु यत्कृतं पापं वज्रलेपो भविष्यति ।
अन्य जगह किया हुआ पाप तीर्थ में जाने से नष्ट हो जाता है, पर तीर्थ में किया हुआ पाप वज्रलेप हो जाता है ।
3 जब कोई अपने माता-पिता, भाई, परिजन अथवा गुरू को फल मिलने के उददेश्य से तीर्थ में स्नान करता है तब उसे स्नान के फल का बारहवाँ भाग प्राप्त हो जाता है ।
4 जो दुसरो के धन से तीर्थ यात्रा करता है । उसे पुण्य का सौलहवाँ भाग प्राप्त हो जाता है और जो दूसरे कार्य के प्रसंग से तीर्थ में जाता है उसे उसका आधा फल प्राप्त होता है ।
ज्योतिषाचार्य प्रणयन एम. पाठक
10, अथर्व विहार आस्था गार्डन के पास,
नानाखेडा़, उज्जैन (म.प्र.)
9202220000
यह नही करे
यह नही करे
1 संध्या के समय सोना, पढना और भोजन करना निषिद्ध है ।
2 रात्री को दही खाना स्वास्थ्य के लिए अनुकुल नही रहता है ।
3 संध्या समय किया हुआ भोजन रोग उत्पन्न करता है । सोने से धन हानि होती है ।
4 अमावस्या, सक्रांति, ग्रहण, पूर्णिमा आदि पर्वकाल के दिन पेड़ -पौधे आदि को नही काटना चाहिए काटने से ब्रह्म हत्या का पाप लगता है ।
5 भीगे पैर नही सोना चाहिए, भीगे पैर सोने से धन हानि होती है ।
6 दिन में नही सोना चाहिए, दिन में सोने से रोग उत्पन्न होते है सुश्रुत संहिता अनुसार सभी ऋतुओं में दिन में सोना निषिद्ध है पर ग्रीष्म ऋतु में दिन में सोना निषिद्ध नही है ।
ज्योतिषाचार्य प्रणयन एम. पाठक
10, अथर्व विहार आस्था गार्डन के पास,
नानाखेडा़, उज्जैन (म.प्र.)
9202220000
1 संध्या के समय सोना, पढना और भोजन करना निषिद्ध है ।
2 रात्री को दही खाना स्वास्थ्य के लिए अनुकुल नही रहता है ।
3 संध्या समय किया हुआ भोजन रोग उत्पन्न करता है । सोने से धन हानि होती है ।
4 अमावस्या, सक्रांति, ग्रहण, पूर्णिमा आदि पर्वकाल के दिन पेड़ -पौधे आदि को नही काटना चाहिए काटने से ब्रह्म हत्या का पाप लगता है ।
5 भीगे पैर नही सोना चाहिए, भीगे पैर सोने से धन हानि होती है ।
6 दिन में नही सोना चाहिए, दिन में सोने से रोग उत्पन्न होते है सुश्रुत संहिता अनुसार सभी ऋतुओं में दिन में सोना निषिद्ध है पर ग्रीष्म ऋतु में दिन में सोना निषिद्ध नही है ।
ज्योतिषाचार्य प्रणयन एम. पाठक
10, अथर्व विहार आस्था गार्डन के पास,
नानाखेडा़, उज्जैन (म.प्र.)
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