रविवार, 22 मार्च 2015

RATNA GRAH VANASPATI VASTU YANTRA tantra mantra

चित्रकार एवं नाट्य कलाकार योग
चित्रकार एवं नाट्य कलाकार बनने के लिए आपके हाथो में होना चाहिए निम्नलिखित योग-
1 जिस जातक के हाथ में चन्द्र उठा होकर मणिबन्ध रेखा को दबाए व मस्तक रेखा लम्बी व टेढ़ी हो अँगुलिया नुकीली व बिना गाँठ की होत था सूर्यागुंली पुष्ट होकर प्रथम पर्व चैड़ा आगे का हिस्सा गोल एवं पतला हो वह काल्पनिक चित्रकार होता है।
2 जिस जातक के हाथों की अँगुलिया लम्बी हो, मस्तक रेखा सीधी एवं अनामिका अँगुली समकोण हो वह ऐतिहासिक चित्रकार होता है ।
3 जिस जातक के हाथों की अँगुलिया गोल, चपटी, पतली हो तथा अनामिका सीधी और लम्बी हो एवं सूर्य पर्वत बुध पर्वत को दबाए वह व्यंग्य (कार्टून) चित्रकार होता है ।
4 जिसके हाथ की अँगुलिया लम्बी और अनामिका का प्रथम पर्व पुष्ट हो वह छोटे-छोटे चित्र बनाने वाला ड्रांइग मास्टर होता है।
5 जिसकी अँगुलिया समकोण हो, शुक्र क्षैत्र उठा हो तथा उस पर गहरी रेखाएँ फेली हो एवं मस्तक रेखा से एक शाखा निकलकर बुध क्षैत्र पर जा रही हो वह नाट्य कलाकार होता है ।
6 जिसके हाथ कीअनामिका गोल, पतली, लम्बी हो तथा सभी अँगुलिया अलग-अलग रहे एवं अँगुठा पीछे की और मुड़ा हो और चन्द्र, बुध उच्च हो वह नाट्य कला में सुत्रधार होता है ।
ज्योतिषाचार्य प्रणयन एम. पाठक
9202220000

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